पुरी (ओडिशा), 2 जून 2025 — विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर एक बार फिर सुरक्षा कारणों से चर्चा में है। रविवार शाम मंदिर के ऊपर एक बार फिर संदिग्ध ड्रोन को उड़ते हुए देखा गया, जिसके बाद पूरे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मच गई है। इसी बीच मंदिर के शिखर पर ध्वज परिवर्तन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसे लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
परंपरा बनाम सुरक्षा खतरा
ध्वज परिवर्तन (ध्वज आरोहण) श्री जगन्नाथ मंदिर की एक प्राचीन और दैनिक परंपरा है, जिसे ‘पताका चढ़ाना’ कहा जाता है। यह कार्य मंदिर के सेवायत (सेवक) बड़ी श्रद्धा और परंपरागत तरीके से करते हैं। हालाँकि, रविवार को वायरल हुआ वीडियो ड्रोन कैमरे से शूट किया गया प्रतीत होता है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन कैसे उड़ाया गया?
ड्रोन उड़ान पर प्रतिबंध
पुरी के एसपी ने जानकारी दी है कि श्री जगन्नाथ मंदिर एक हाई सिक्योरिटी जोन है और मंदिर के 2 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ान पूरी तरह से प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा:
“हम वायरल वीडियो की सत्यता की जाँच कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ है। संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया जा सकता है।”
पुलिस ने आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं और ड्रोन ऑपरेटर की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
श्रद्धालुओं की चिंता और प्रशासन की अपील
इस घटना से कई श्रद्धालु चिंतित हैं। उनका कहना है कि मंदिर की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए और इस तरह की गतिविधियाँ ना केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाती हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी संवेदनशील हैं।
मंदिर प्रशासन ने भी एक बयान जारी कर कहा है:
“ध्वज परिवर्तन एक पवित्र प्रक्रिया है। कृपया सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को गलत संदर्भ में न लें। किसी भी संदेहजनक गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें।”
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएँ
गौरतलब है कि श्री जगन्नाथ मंदिर के ऊपर इससे पहले भी कई बार ड्रोन उड़ान की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। प्रशासन ने हर बार कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, लेकिन बार-बार हो रही ऐसी घटनाएँ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं।