भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक ऐसा दावा किया है जो राजनीतिक हलकों में हलचल मचा सकता है। दुबे ने एक गोपनीय पत्र सार्वजनिक किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पाकिस्तान से भारत के आंतरिक मामलों में मदद की अपील की थी।
क्या है पत्र में?
डॉ. दुबे द्वारा साझा किए गए इस कथित गोपनीय पत्र में यह उल्लेख है कि राजीव गांधी ने पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य शासकों को लिखा था और भारत में सांप्रदायिक सौहार्द और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए उनके सहयोग की अपेक्षा की थी। पत्र की सामग्री के अनुसार, राजीव गांधी ने यह पहल 1980 के दशक के उत्तरार्ध में की थी, जब भारत आंतरिक अस्थिरता से जूझ रहा था।
निशिकांत दुबे का आरोप
दुबे ने कहा कि यह पत्र इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में बने रहने के लिए देशहित से समझौता किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी द्वारा की गई यह पहल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत खतरनाक थी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह भाजपा द्वारा राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश है और चुनावी मौसम में जनता को भ्रमित करने का प्रयास है। कांग्रेस ने पत्र की सत्यता पर सवाल उठाते हुए इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा साझा किया गया यह कथित गोपनीय पत्र देश की राजनीति में एक बार फिर नेहरू-गांधी परिवार को केंद्र में लाकर खड़ा कर देता है। हालांकि, इसकी वैधता और संदर्भ की पुष्टि होना अभी बाकी है। यदि यह पत्र वास्तविक है, तो यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज बन सकता है, अन्यथा यह एक राजनीतिक हथकंडा भी साबित हो सकता है।