गुजरात |
गुजरात में मंगलवार देर रात एक भयावह हादसे ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। वडोदरा और अणंद जिलों को जोड़ने वाला एक पुल भारी बारिश के चलते अचानक नदी में ढह गया। हादसे के समय पुल पर कई वाहन मौजूद थे, जो सीधे नदी में समा गए।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। कुछ लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
पीएम मोदी ने की मुआवजे की घोषणा
गुजरात में पुल गिरने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर किया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने कहा,
“वडोदरा में पुल गिरने से कई जानें चली गईं। इस घटना से बेहद दुखी हूं। मृतकों के परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वास्थ्य होने की उम्मीद करता हूं।’
इसी के साथ पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
9 की मौत, 6 घायल
गंभीरा पुल महिसागर नदी पर बना था, जो वडोदरा और आणंद को आपस में जोड़ता था। हालांकि, आज सुबह गंभीरा पुल अचानक से टूटकर नदी में गिर गया। स्थानीय पुलिस और दमकल कर्मियों को इसकी सूचना दी गई। दमकल कर्मियों ने फौरन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए 6 लोगों की जान बचा ली। हालांकि, इस हादसे में 9 लोगों की जान चली गई।
दोनों तरफ लगा लंबा जाम
पुल टूट जाने की वजह से वडोदरा और आणंद के बीच संपर्क प्रभावित हुआ है। दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लगी है। पुलिस ने यातायात को डायवर्ट कर दिया है। यह पुल टूटने से लोगों की आवाजाही पर बड़ा असर पड़ेगा। अब लोगों को वडोदरा से आणंद या आणंद से वडोदरा जाने के लिए 40 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा।
स्थानीय लोगों का आरोप:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुल पहले से ही जर्जर अवस्था में था और उसकी मरम्मत को लेकर कई बार शिकायतें भी की गई थीं, लेकिन जिम्मेदार विभागों ने ध्यान नहीं दिया। माना जा रहा है कि पुल की नींव कमजोर होने के चलते यह हादसा हुआ।
सरकारी प्रतिक्रिया:
गुजरात के मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही पुल ढहने के कारणों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी:
अंधेरा, बारिश और तेज बहाव के बावजूद रेस्क्यू टीमें पूरी ताकत से राहत कार्य में लगी हैं। गोताखोरों और आधुनिक उपकरणों की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है।