नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली के बाहरी इलाके में सोमवार देर रात एक फैक्ट्री में ऐसा खौफनाक हादसा हुआ, जिसने हर किसी को हिला कर रख दिया। आग की लपटों में घिरी इस फैक्ट्री से जब धुआं उठता दिखाई दिया, तो आसपास के लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। लेकिन जब राहत टीमें अंदर दाखिल हुईं, तो वहां का नज़ारा देखकर उनके भी होश उड़ गए।
चारों तरफ जली हुई लाशें बिखरी थीं… कुछ की पहचान कर पाना तक मुश्किल था। दीवारों पर झुलसे हुए हाथों के निशान थे, जो शायद बाहर निकलने की नाकाम कोशिशों की गवाही दे रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग रात करीब 2 बजे लगी जब अधिकतर मजदूर गहरी नींद में थे। कुछ मजदूरों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन फैक्ट्री में न तो अलार्म था और न ही कोई इमरजेंसी एक्ज़िट। आग इतनी तेजी से फैली कि मिनटों में सब कुछ राख हो गया।
दमकल की 12 से ज्यादा गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। अब तक 11 से ज्यादा शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें कई पूरी तरह से झुलसे हुए हैं।
फॉरेंसिक टीम और पुलिस जांच में जुटी है। प्राथमिक जांच में फैक्ट्री मालिक की लापरवाही सामने आ रही है – ना कोई फायर सेफ्टी सिस्टम, ना वेंटिलेशन।
यह हादसा सिर्फ आग का नहीं, सिस्टम की लापरवाही और इंसानियत के खिलाफ एक जघन्य अपराध भी है।