प्रयागराज, 4 जुलाई 2025 —
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े विवाद में एक अहम आदेश जारी किया है। कोर्ट ने मंदिर पक्ष द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें मांग की गई थी कि भविष्य में होने वाली सभी कानूनी कार्यवाहियों में शाही ईदगाह मस्जिद को “विवादित संरचना” के रूप में संदर्भित किया जाए।
यह अर्जी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा दाखिल की गई थी, जो इस केस में मंदिर पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने दलील दी थी कि शाही ईदगाह एक विवादित ढांचा है और अदालत की कार्यवाहियों में इसका स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
हालांकि, हाई कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि किसी संरचना को विवादित घोषित करने का निर्णय अदालत की अंतिम सुनवाई और प्रमाणित तथ्यों पर आधारित होता है, न कि केवल एक पक्ष की याचिका पर। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के निर्देश, बिना मुकदमे के निष्कर्ष तक पहुंचे, निष्पक्ष न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
इस फैसले को मंदिर और मस्जिद दोनों पक्षों के बीच चल रहे लंबे कानूनी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई में दोनों पक्ष अपने-अपने सबूतों और दावों के साथ अदालत के समक्ष उपस्थित होंगे।