भारत में लंबे इंतज़ार के बाद गृह मंत्रालय ने जनगणना 2027 (16वीं जनगणना) की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।
🗓️ नोटिफिकेशन के मुख्य बिंदु:
- संघीय अधिसूचना जारी – 16 जून 2025 को प्रस्तावित जनगणना की आधिकारिक घोषणा (Gazette notification) हुई है ।
- दो-धाप प्रक्रिया –
- पहला चरण (House Listing Operation): प्रत्येक घर की सूची, आशियाना व सुविधाओं का विवरण।
- दूसरा चरण (Population Enumeration): प्रत्येक व्यक्ति का विवरण (आयु, लिंग, शिक्षा, रोजगार, धर्म, जाति आदि)।
- संदर्भ तिथियाँ:
- हिमालयी/बर्फ़ीले क्षेत्र (जैसे लद्दाख, जम्मू & कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड): 1 अक्टूबर 2026, मध्यरात्रि से शुरुआत।
- बाकी भारत: 1 मार्च 2027, मध्यरात्रि से शुरू होगी गणना।
- डिजिटल इनोवेशन – पहली बार पूरी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम (मोबाइल ऐप और self‑enumeration) के ज़रिए संचालित होगी।
- जाति की गणना – 1931 के बाद पहली बार जातिगत डेटा शामिल होगा।
- डेटा सुरक्षा पर ज़ोर – गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सुरक्षा उपायों का काफ़ी ज़ोर दिया गया है।
📅 सम्पूर्ण कार्यक्रम सारांश
चरण | स्थान | संदर्भ तिथि (Reference Date) |
---|---|---|
गृह-सूची (House Listing) प्रारंभ | लद्दाख, J&K, HP, Uttarakhand | 1 अक्टूबर 2026 (00:00 बजे) |
व्यक्ति-गणना (Population Enumeration) प्रारंभ | बाकी भारत | 1 मार्च 2027 (00:00 बजे) |
पहली बार जाति गणना भी होगी | पूरे भारत में | 2026–27 |
- डिजिटल प्रणाली के तहत मोबाइल ऐप और स्वयं-गणना की सुविधा उपलब्ध होगी।
💡 क्यों यह महत्वपूर्ण है?
- जाति गणना का ऐतिहासिक महत्व – 1931 के बाद पहली बार पूरी जाति सूची शामिल; इससे सामाजिक न्याय प्रयासों को सशक्त आधार मिलेगा ।
16 जून 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार,
भारत की अगली जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी – पहला चरण बर्फीले क्षेत्रों के लिए 1 अक्टूबर 2026 से, और दूसरा (बच्चों सहित) दूसरी गणना पूरे भारत में 1 मार्च 2027 से शुरू होगी। यह एक डिजिटल, जातिगत और डेटा-सुरक्षित प्रक्रिया होगी जो देश के भविष्य के निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।