नई दिल्ली, 31 मई 2025:
कांग्रेस सांसद और जाने-माने बुद्धिजीवी शशि थरूर द्वारा सोशल मीडिया पर की गई तीखी आलोचना के बाद कोलंबिया विश्वविद्यालय को महज 48 घंटे में ही अपने रुख में बदलाव करना पड़ा। विश्वविद्यालय ने पाकिस्तान को लेकर जताई गई ‘संवेदना’ पर आधारित बयान को वापस ले लिया है।
🌐 क्या था मामला?
हाल ही में कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक विभाग ने पाकिस्तान के कुछ छात्रों के साथ ‘संवेदना’ जताते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया था। इस बयान में भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाए गए थे कि वह पाकिस्तानी मूल के छात्रों के लिए कथित तौर पर असहज माहौल बना रहा है।
🧠 थरूर ने क्यों उठाई आवाज़?
शशि थरूर, जो स्वयं भी कोलंबिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं, ने इस बयान को “एकतरफा, तथ्यहीन और भारत विरोधी” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“इस तरह के बयान अकादमिक संस्थानों की गरिमा के खिलाफ हैं। भारत को बिना साक्ष्य के निशाना बनाना न केवल अनुचित है बल्कि दुर्भावनापूर्ण भी।”
📉 बयान वापसी का दबाव
थरूर की टिप्पणी के बाद कई भारतीय बुद्धिजीवियों, छात्रों और पूर्व छात्रों ने भी कोलंबिया विश्वविद्यालय की आलोचना की। विश्वविद्यालय के पास सैकड़ों ईमेल और शिकायती पत्र पहुंचे। मीडिया और सोशल मीडिया पर बने दबाव के चलते कोलंबिया ने अपना बयान हटा दिया और कहा कि वह “राजनीतिक विषयों में निष्पक्षता” बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
🗣️ कोलंबिया विश्वविद्यालय का नया बयान
कोलंबिया की ओर से अब कहा गया है:
“हम मानते हैं कि हमारे पूर्व बयान से कुछ समुदायों को ठेस पहुंची है। हमारा उद्देश्य कभी किसी पक्ष को निशाना बनाना नहीं था। हम सभी छात्रों के लिए एक समावेशी वातावरण बनाने को प्रतिबद्ध हैं।”
भारत में प्रतिक्रियाएं
भारत में इस बदलाव को राजनयिक और नैतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। शशि थरूर को कई लोगों ने धन्यवाद दिया कि उन्होंने अकादमिक संस्थानों को जिम्मेदार और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के लिए मजबूर किया।