हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया, जिससे भारत-चीन संबंधों में और खटास आ गई है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा रुख अपनाया :
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के दावों को “झूठा प्रचार” करार देते हुए स्पष्ट किया कि भारतीय वायुसेना का आदमपुर एयरबेस पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने स्वयं एयरबेस का दौरा कर यह संदेश दिया कि भारत किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार और आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
इसके अलावा, मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में, उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड नहीं होने चाहिए और ऐसे देशों की आलोचना होनी चाहिए जो आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे।
चीन द्वारा पाकिस्तान को सैन्य सहायता, जैसे J-10C फाइटर जेट्स और PL-15 मिसाइलों की आपूर्ति, भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में पाकिस्तान ने इन हथियारों का उपयोग भारतीय राफेल विमानों के खिलाफ किया, जिससे चीन की सैन्य तकनीक की प्रभावशीलता पर भी ध्यान गया है।
इन घटनाओं के बाद, भारत में चीन के साथ व्यापारिक साझेदारियों पर भी असर पड़ा है। भारतीय कंपनियों ने चीन के साथ संयुक्त उपक्रमों और निवेशों पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है, विशेषकर उन परियोजनाओं पर जो उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (PLI) के तहत आती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह स्पष्ट संदेश है कि भारत आतंकवाद और दुष्प्रचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।