नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में जारी भू-राजनीतिक तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अर्जेंटीना दौरा भारत की ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच तेल, गैस और दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में अहम समझौते होने की संभावना है।
भारत को क्या मिल सकता है फायदा?
1. ऊर्जा सुरक्षा:
अर्जेंटीना, लातिन अमेरिका का एक बड़ा तेल और गैस उत्पादक देश है। भारत, जो अपनी ऊर्जा जरूरतों का लगभग 85% आयात करता है, अर्जेंटीना के साथ दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते कर अपने स्रोतों में विविधता ला सकता है।
2. लिथियम और दुर्लभ खनिज:
अर्जेंटीना, ‘लिथियम ट्रायंगल’ (अर्जेंटीना, चिली, बोलीविया) का हिस्सा है और लिथियम का बड़ा भंडार रखता है। इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरियों की बढ़ती मांग को देखते हुए भारत के लिए अर्जेंटीना से लिथियम आयात की संभावनाएं काफी आकर्षक हैं।
3. रक्षा और विज्ञान क्षेत्र में सहयोग:
दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा तकनीक, अंतरिक्ष अनुसंधान और कृषि तकनीक में भी साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
4. व्यापार और निवेश:
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 10 अरब डॉलर के पार ले जाने की योजना है। फार्मा, ऑटोमोबाइल, आईटी और एग्रो इंडस्ट्री में भारत के निवेश की संभावना है।
मिडिल ईस्ट तनाव का असर और अर्जेंटीना की भूमिका
मिडिल ईस्ट में हालिया अस्थिरता और ईरान-इसराइल के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक तेल आपूर्ति को प्रभावित किया है। ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत ढूंढना जरूरी हो गया है। अर्जेंटीना इस संदर्भ में एक सुरक्षित और दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदार साबित हो सकता है।