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    HomePoliticsगोल्डन टेंपल बचा भारत की सुरक्षा से: पाक का हमला विफल

    गोल्डन टेंपल बचा भारत की सुरक्षा से: पाक का हमला विफल

    8 मई 2025 को पाकिस्तान ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पर ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों से एक समन्वित हवाई हमला करने की कोशिश की। यह हमला भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद किया गया था।

    भारतीय सेना की तैयारी:

    • भारतीय सेना को हमले की आशंका पहले से थी, इसलिए AKASH मिसाइल सिस्टम और L-70 एयर डिफेंस गन जैसी आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों को मंदिर परिसर में तैनात किया गया था।
    • श्री अकाल तख्त और गुरुद्वारा प्रबंधन के सहयोग से ये प्रणालियाँ मंदिर के अंदर स्थापित की गईं।
    • हमले के दौरान स्वर्ण मंदिर की लाइटें बंद कर दी गईं ताकि रात में आने वाले ड्रोन साफ़ दिखाई दे सकें।
    • सभी ड्रोन और मिसाइलों को भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाई ने समय रहते नष्ट कर दिया।

    भारतीय सेना का बयान:

    मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने कहा कि पाकिस्तान का मक़सद देश के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक को नुकसान पहुंचाना था, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता से यह विफल हो गया।

    SGPC की प्रतिक्रिया:

    शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने पहले इस हमले को लेकर शंका जताई थी, लेकिन सेना ने पुष्टि की कि यह हमला वास्तविक था और अगर तैयारी न होती तो गंभीर नुकसान हो सकता था।

    यह घटना यह दर्शाती है कि भारत अब अपने धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों को आधुनिक तकनीक के ज़रिये सुरक्षित रखने में सक्षम है।

    भारतीय सेना की तैयारी:

    • भारतीय सेना को हमले की आशंका पहले से थी, इसलिए AKASH मिसाइल सिस्टम और L-70 एयर डिफेंस गन जैसी आधुनिक वायु रक्षा प्रणालियों को मंदिर परिसर में तैनात किया गया था।
    • श्री अकाल तख्त और गुरुद्वारा प्रबंधन के सहयोग से ये प्रणालियाँ मंदिर के अंदर स्थापित की गईं।
    • हमले के दौरान स्वर्ण मंदिर की लाइटें बंद कर दी गईं ताकि रात में आने वाले ड्रोन साफ़ दिखाई दे सकें।
    • सभी ड्रोन और मिसाइलों को भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाई ने समय रहते नष्ट कर दिया।

    भारतीय सेना का बयान:

    मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने कहा कि पाकिस्तान का मक़सद देश के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक को नुकसान पहुंचाना था, लेकिन भारतीय सेना की तत्परता से यह विफल हो गया।

    SGPC की प्रतिक्रिया:

    शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने पहले इस हमले को लेकर शंका जताई थी, लेकिन सेना ने पुष्टि की कि यह हमला वास्तविक था और अगर तैयारी न होती तो गंभीर नुकसान हो सकता था।

    यह घटना यह दर्शाती है कि भारत अब अपने धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों को आधुनिक तकनीक के ज़रिये सुरक्षित रखने में सक्षम है।

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