लखनऊ।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर चुनिंदा दुकानदारों के साथ कथित भेदभाव और उत्पीड़न को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला।
ओवैसी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन की ओर से कुछ खास समुदाय के दुकानदारों को निशाना बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने दावा किया कि कई दुकानों को जबरन बंद कराया जा रहा है और प्रशासनिक दबाव में व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा,
“धार्मिक यात्राओं के नाम पर किसी समुदाय को निशाना बनाना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि समाज के ताने-बाने को भी कमजोर करता है। कांवड़ यात्रा सम्मानजनक रूप से संपन्न होनी चाहिए, लेकिन उसके बहाने किसी व्यापारी या नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।”
ओवैसी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या संविधान में सभी नागरिकों को समानता और धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार नहीं दिया गया है? उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार इस तरह के मामलों की निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
अब तक यूपी सरकार की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
नेम प्लेट लगाना अनिवार्य
कांवड़ यात्रा में उत्तर प्रदेश सरकार ने दुकानों, होटल और ढाबों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश दिए हैं. सभी जिलों की तरह ही मुजफ्फरनगर जिले के दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे 58 कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों पर नेम प्लेट अनिवार्य है. सरकार के इस फैसले को लेकर दुकानदारों ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार से जल लेकर आते हैं. इसलिए जिस दुकान पर बैठकर वे खाना खाते हैं तो उन्हें यहपता होना चाहिए कि वह किसकी दुकान है|