More
    Homeउत्तर प्रदेशयूं ही सफल नहीं हो जाता महाकुंभ, जानिए सरकार को करनी पड़ती...

    यूं ही सफल नहीं हो जाता महाकुंभ, जानिए सरकार को करनी पड़ती हैं कितनी व्यवस्थाएं, पूरी लिस्ट

    महाकुंभ समाप्त हो चुका है, लेकिन महाकुंभ का नशा अब भी लोगों के दिमाग पर छाया हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतने विशाल महाकुंभ के आयोजन के लिए सरकार को क्या-क्या व्यवस्थाएं करनी पड़ी।
    महाकुंभ अब समाप्त हो चुका है। 14 जनवरी से 26 फरवरी तक इसका आयोजन किया गया। महाकुंभ में 13 जगहों से श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में लाने के लिए प्रयागराज में 750 शटल बसें चलाई गईं। महाकुंभ में तीन भूला-बिछड़ा केंद्र बनाए गए थे। वहीं दो एनजीओ भी काम पर लगे रहे जिसमें से एक सरकारी था। भूला-बिछड़ा केंद्र ने महाकुंभ के 45 दिनों में 48,499 लोगों को अपने परिजनों से मिलवाया। महाकुंभ के दौरान ही सीएम योगी आदित्यनाथ कुल 10 बार महाकुंभ के दौरे पर आए। इस दौरान महाकुंभ में 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बने हैं। इसमें 700 शटल बस चलाने का, 300 सफाई कर्मचारियों का एक साथ नदी साफ करने का, 15 हजार सफाई कर्मचारियों का एक साथ सफाई करने का और 10 हजार हैंड प्रिंटिंग कार्ड बनाने का रिकॉर्ड बना है।
    महाकुंभ की खासियत
    बता दें कि महाकुंभ को 4 हजार हेक्टेयर में बसाया गया, जो साल 2019 के अर्धकुंभ से 800 हेक्टेयर ज्यादा था। वहीं पूरे मेला क्षेत्र को 25 हेक्टेयरों में बांटा गया और कुल 12 किलोमीटर में कई पक्के घाट बनाए गए। वहीं 1850 हेक्टेयर क्षेत्र में पार्किंग बनाई गई। इसके अलावा कुल 101 पार्किंग बनाईं गई जिसमें रोजाना 5 लाख से ज्यादा गाड़ियां खड़ी हो सकें। इसके अलावा 31 पांटून ब्रिज, 67 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट्स लगाई गईं। वहीं 1.5 लाख शौचालय बनाए गए। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा महाकुंभ पर 7 हजार करोड़ रुपये और केंद्र सरकार की तरफ से 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए। इतना ही नहीं महाकुंभ में 2750 सीसीटीवी कैमरे और 80 वेरिएल मैसेज डिस्प्ले भी लगाए गए थे।

    महाकुंभ यूं नहीं रहा सफल
    इसके अलावा महाकुंभ में 268 एआई कैमरे भीड़ के लिए और 240 एआई कैमरे व्हीकल्स की गिनती के लिए लगाए गए थे। इसके अलावा 37 हजार पुलिसकर्मियों को महाकुंभ में तैनात किया गया था। केंद्र की फोर्स अगर मिला दें तो कुल 80 हजार सुरक्षाकर्मी कुभ मेले की ड्यूटी में तैनात ते। कुभ मेले के लिए रेलवे द्वारा शुरू में 13 हजार ट्रेन चलाने की प्लानिंग थी। लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए 16 हजार ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 45 दिनों में लगभग 4.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने सफर किया। मेला क्षेत्र में पीने के पानी के लिए 1,248 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डाली गई। 56 हजार वॉटर कनेक्शन दिए गए। कुंभ के लिए 9 आरओबी, फ्लाइओवर बनाए गए। इसके लिए प्रयागराज में 142 से ज्यादा सड़कों की मरम्मत की गई और उन्हें चौड़ा किया गया। इसके अलावा महाकुंभ में करीब 20 हजार सफाईकर्मी ड्यूटी पर तैनात और करीब 8 हजार नावें तैनात की गई थीं।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here

    Must Read

    spot_img