नई दिल्ली/इस्लामाबाद, 13 मई 2025 – भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंधों में एक बार फिर कूटनीतिक हलचल देखने को मिली है। दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने हाल ही में जारी बयानों में वार्ता की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज नहीं किया है, जिससे विशेषज्ञों में उम्मीद जगी है कि भविष्य में बातचीत का रास्ता खुल सकता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि “भारत हमेशा क्षेत्र में शांति और स्थिरता का पक्षधर रहा है, लेकिन आतंकवाद और घुसपैठ की घटनाएं वार्ता की राह में बड़ी बाधा हैं।” वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि वह “सार्थक और सम्मानजनक संवाद” के लिए तैयार है, बशर्ते भारत की ओर से सकारात्मक संकेत मिले।
इस बीच, नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थिति सामान्य बनी हुई है, हालांकि हाल ही में सीमावर्ती इलाकों में कुछ हल्की झड़पों की खबरें सामने आई थीं। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि “हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं, लेकिन संघर्ष नहीं चाहते।”
विश्लेषकों का मानना है कि दोनों देशों में आने वाले महीनों में चुनावी गतिविधियां और वैश्विक दबाव कूटनीतिक वार्ताओं को गति दे सकते हैं। विशेषकर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका जैसे देशों ने हाल ही में क्षेत्र में स्थायित्व बनाए रखने की अपील की है।
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी औपचारिक वार्ता 2015 में हुई थी, जिसके बाद से रिश्तों में लगातार तनाव बना हुआ है। पुलवामा हमला, बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद संबंध और भी बिगड़ गए थे।
फिलहाल दोनों देशों की निगाहें एक-दूसरे की रणनीतिक गतिविधियों पर बनी हुई हैं, लेकिन शांति की उम्मीदें अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं।