दिल्ली की मंत्रिमंडलीय बैठक (10–11 जून 2025) में “Delhi School Education (Transparency in Fixation and Regulation of Fees) Ordinance, 2025” पारित किया गया है, जिसका उद्देश्य प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर लगाम लगाना है। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
🏫 प्रमुख विशेषताएँ
- रेट्रोस्पेक्टिव लागू: यह अध्यादेश 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी रहेगा।
- तीन‑स्तरीय निगरानी व्यवस्था:
- स्कूल‑स्तरीय फीस रेगुलेशन कमेटी (अगस्त तक गठित)
- ज़िला अपील कमेटी
- राज्य‑स्तरीय सुधार समिति |
- सख्त जुर्माना:
- पहली बार उल्लंघन पर ₹1–5 लाख
- दोबारा उल्लंघन पर ₹2–10 लाख तक जुर्माना ।
- अगर रिश्ता वापस नहीं किया जाता है तो जुर्माना हर 20 दिन में दोगुना होकर बढ़ेगा।
- कुछ रिपोर्टों के अनुसार ₹50,000 प्रति छात्र का जुर्माना भी प्रस्तावित था |
- छात्र‑हित संरक्षण: गैर‑भुगतान पर नाम काटना, परीक्षा परिणाम रोकना, पढ़ाई से वंचित करना या अपमानित करना सख्ती से वर्जित होगा ।
- अनुशासनात्मक कार्रवाई: नियम तोड़ने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द होना, फीस बढ़ाने का अधिकार छूटना या प्रबंधन से पद हटाना संभव हो सकता है ।
- पारदर्शिता & जवाबदेही: फीस वृद्धि की पूर्व मंज़ूरी, कमेटियों में SC/ST/OBC और महिला प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी और पेरेंट-टीचर चैयर चयन ड्रा द्वारा होगा।
👨👩👧👦 माता‑पिता के लिए प्रभाव
- फीस वृद्धि रद्द व धनवापसी का अधिकार
- शैक्षणिक परेशानी और अपमान से सुरक्षा
- शिकायत व अपील की स्वनियंत्रित प्रक्रिया
आगे का रास्ता
अब अध्यादेश को Lieutenant Governor द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, इसके बाद यह कानून के रूप में परिवर्तित हो जाएगा । जब इसे विधानसभा में पेश किया जायेगा (संभावित रूप से जुलाई–अगस्त में मानसून सत्र में), तो चर्चात्मक बिंदु जुर्माने, प्रक्रियात्मक नियम और पैंतरे होंगे ।
यह एक ऐतिहासिक और साहसिक कदम माना जा रहा है, जिससे शिक्षा क्षेत्र में फीस वृद्धि की मनमानी पर नियंत्रण और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।