बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। दो दिन पहले मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने पार्टी की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम ने मीडिया को बताया कि इस संबंध में सरकारी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध ?
बांग्लादेश गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “अधिसूचना के अनुसार, अवामी लीग और उसके संबद्ध संगठनों को आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2025 के तहत तब तक प्रतिबंधित कर दिया गया है जब तक कि बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) द्वारा उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा नहीं हो जाता।”
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद रोधी संशोधन अधिनियम 2025 की धारा 18 सरकार को आतंकवाद से जुड़े मामलों में किसी भी संगठन या व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देती है। मूल 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून में “इकाइयों” पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान शामिल नहीं था। इसके अलावा चुनाव आयोग (ईसी) ने कहा कि हमने अवामी लीग का पंजीकरण भी रद्द कर दिया है, जिसके कारण पार्टी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गई है।
अवामी लीग का पंजीकरण रद्द
सरकारी अधिसूचना के कुछ घंटों बाद चुनाव आयोग के सचिव अख्तर अहमद ने कहा, “गृह मंत्रालय ने रविवार को बांग्लादेश अवामी लीग और उससे संबद्ध संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।” इसी क्रम में चुनाव आयोग ने अवामी लीग का पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन ने दो दिन पहले संवाददाताओं से कहा था, “हमें वर्तमान बांग्लादेश की भावना के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लेना होगा।”