हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विशेषकर भारतीय छात्रों, के लिए लागू की गई नई वीजा नीतियों ने व्यापक चिंता और भय उत्पन्न किया है। इन नीतियों के तहत, छात्रों के सोशल मीडिया गतिविधियों की कड़ी निगरानी की जा रही है, जिससे कई भारतीय छात्र अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिलीट या निष्क्रिय करने पर मजबूर हो गए हैं।
सोशल मीडिया पर निगरानी और वीजा रद्दीकरण
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने छात्रों के वीजा आवेदन प्रक्रिया में सोशल मीडिया जांच को अनिवार्य कर दिया है। इसमें छात्रों की पोस्ट, लाइक, शेयर और कमेंट्स की समीक्षा की जा रही है। यदि किसी छात्र की गतिविधियाँ अमेरिकी सरकार के दृष्टिकोण से “राष्ट्र-विरोधी” या “यहूदी विरोधी” मानी जाती हैं, तो उनका वीजा रद्द किया जा सकता है ।
विशेष रूप से, हमास, हिज़्बुल्लाह या हूती विद्रोहियों जैसे संगठनों के समर्थन में पोस्ट करने, या इज़राइल विरोधी सामग्री साझा करने पर छात्रों के वीजा रद्द किए जा रहे हैं। यह कार्रवाई उन छात्रों पर भी लागू हो रही है जिन्होंने केवल ऐसी पोस्ट को लाइक या कमेंट किया है ।
भारतीय छात्रों में बढ़ती चिंता
इन नीतियों के चलते, अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों में भय और अनिश्चितता का माहौल है। कई छात्रों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिलीट या निष्क्रिय कर दिया है, ताकि वे संभावित निगरानी और वीजा रद्दीकरण से बच सकें ।
इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है, जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों के लिए विकल्प सीमित हो गए हैं ।
अमेरिका में पढ़ाई करने की योजना बना रहे भारतीय छात्रों के लिए यह समय विशेष सतर्कता
अमेरिका में पढ़ाई करने की योजना बना रहे भारतीय छात्रों के लिए यह समय विशेष सतर्कता का है। सोशल मीडिया पर अपनी गतिविधियों के प्रति जागरूक रहना और अमेरिकी वीजा नीतियों की जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक है। यदि आप अमेरिका में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं, तो अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार गोपनीयता सेटिंग्स को समायोजित करें।