दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP विधायक अमानतुल्लाह खान द्वारा दायर PIL को राहत देने से इनकार करते हुए इसे वापस लेने की इजाज़त दी। इसके साथ ही Batla House में DDA द्वारा बुलडोज़र कार्रवाई की संभावना बरकरार है।
🏛️ हाईकोर्ट के फैसले की झलक
- एक डिविजन बेंच (न्यायमूर्ति गिरिश कठपाळिया व तेजस कारिया) ने सोमवार को PIL पर कोई स्थगन आदेश नहीं दिया, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही खुदाए गए अवैध निर्माणों पर रोक देने से इंकार कर चुका है
- हाईकोर्ट ने माना कि ऐसे मामलों में व्यक्तिगत निवासी ही अपने-अपने घरों के लिए कोर्ट में न्याय मांग सकते हैं। इसलिए PIL को रद्द करते हुए विधायक खान को यह भी इज़ाज़त दी गई कि वह तीन कार्य दिवसों में स्थानीय लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी दे, और वे व्यक्तिगत रूप से याचिका कर सकें ।
- इससे यह स्पष्ट हो गया कि Batla House में DDA की bulldozer कार्रवाई को रोकने के लिए कोई सामूहिक व्यापक रोक लागू नहीं हुई है, और यह कार्रवाई ज़ल्द ही शुरू हो सकती है ।
📍 Batla House व आसपास की स्थिति
- इस बीच, कुछ निवासियों (जैसे इशरत जहाँ) ने individually याचिका दायर की और उन्हें अंतरिम संरक्षण मिला है — लेकिन ये सिर्फ उनके-उनके घरों तक ही सीमित है ।
🔍 असर और अगली राह
- जिन लोगों ने नोटिस पाए हैं, उन्हें 3 दिन का समय मिला है ताकि वे संविधानिक तरीके से व्यक्तिगत याचिका दायर कर सकें। यह तभी संभव है कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट रुकावट दे ।
- सुप्रीम कोर्ट की 7 मई की पहचान के अनुसार, DDA को अवैध निर्माण हटाने की इजाज़त है — और हाईकोर्ट ने इस निर्देश के अनुरूप कोई रोक नहीं लगाई
- भावनात्मक अस्थिरता: निवासियों में भारी चिंता, ईद की तैयारियाँ अधूरी और भविष्य की अनिश्चितता का माहौल है ।