गुरु न केवल ज्ञान के वाहक होते हैं, बल्कि वे चरित्र निर्माण, जीवन-दर्शन और आत्मबोध का भी संचार करते हैं। गुरु पूर्णिमा का यह दिन उनके प्रति आभार और श्रद्धा व्यक्त करने का पावन अवसर है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सही मार्गदर्शन, अनुशासन और प्रेरणा से जीवन कैसे उज्ज्वल बन सकता है।
आज हम उन सभी शिक्षकों, आचार्यों और गुरुओं को नमन करते हैं, जिन्होंने हमें मानवता, नैतिकता और उत्कृष्टता के मार्ग पर अग्रसर किया।