हापुड़, उत्तर प्रदेश —
रेशमा की ज़िंदगी किसी फिल्मी कहानी जैसी लगती है, लेकिन इसमें खुशी नहीं, सिर्फ दर्द और त्रासदी है। पिछले पांच सालों में दो बार शादी करने वाली रेशमा की दोनों ही शादियां उसे सुख नहीं दे सकीं। पहले पति की मौत ने उसे तोड़ दिया, और अब हाल ही में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने उसकी दुनिया पूरी तरह उजाड़ दी।
बीते हफ्ते हापुड़ में NH-334 पर एक भीषण सड़क दुर्घटना में रेशमा के दूसरे पति और उसकी दो मासूम बेटियों की मौके पर ही मौत हो गई। रेशमा भी उस गाड़ी में सवार थी, लेकिन किस्मत से वो बच गई। अस्पताल में भर्ती रेशमा अब सिर्फ एक सवाल कर रही है — “मैं क्यों बच गई?”
रेशमा की आपबीती
रेशमा ने पहली शादी महज 19 साल की उम्र में की थी। दो साल बाद ही उसके पहले पति की एक बीमारी के चलते मौत हो गई। समाज और परिजनों के कहने पर उसने दोबारा शादी की, इस उम्मीद में कि अब जीवन में स्थिरता आएगी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
अब इस हादसे के बाद रेशमा फिर अकेली रह गई है। उसके पास न पति है, न बच्चियां। आंखों में आंसू लिए, वो अस्पताल के बेड पर लेटे हुए कहती है,
“जो गया, वो तो चला गया… लेकिन मैं अब किसके लिए जिऊं?”
प्रशासन से गुहार
रेशमा के परिजनों और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आर्थिक सहायता और पुनर्वास की मांग की है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद की उम्मीद जताई जा रही है।