तेहरान/जेरूसलम।
मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है। इजरायल ने एक बार फिर ईरान को बड़ा झटका देते हुए उसकी खुफिया एजेंसी के प्रमुख को निशाना बनाकर मार गिराया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला एक अत्यधिक सटीक ऑपरेशन के तहत किया गया, जिसमें इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की अहम भूमिका मानी जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि हमले के बाद ईरान में हड़कंप मच गया है। देश के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राजधानी तेहरान के एक अति गोपनीय बंकर में ले जाया गया है। इससे पहले इजरायल ने ईरान के हथियार भंडारण केंद्रों और मिलिशिया ठिकानों पर भी हमले किए थे।
हमले की अहम बातें:
- ईरानी इंटेलिजेंस प्रमुख की हत्या संभवतः ड्रोन या रिमोट सर्जिकल स्ट्राइक के ज़रिये की गई।
- खामेनेई के करीबी अधिकारियों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- तेहरान में कई संवेदनशील ठिकानों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात।
- अमेरिका ने स्थिति पर “गंभीर चिंता” जताई, लेकिन हमले की पुष्टि नहीं की।
ईरान की प्रतिक्रिया:
ईरान सरकार ने इजरायल पर “आतंकवादी कार्रवाई” का आरोप लगाते हुए कड़ी चेतावनी दी है। एक बयान में कहा गया है कि “इस हमले का बदला लिया जाएगा और इजरायल को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
विश्लेषकों की राय:
राजनयिक और रणनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना ईरान-इजरायल के बीच छाया युद्ध (Shadow War) को और भड़काएगी। इससे पूरे मध्य-पूर्व में अस्थिरता और बढ़ सकती है।