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    जम्मू-कश्मीर यात्रा: चिनाब और अंजी पुल बने विकास की नई पहचान

    जम्मू-कश्मीर की हालिया यात्रा कई मायनों में यादगार रही। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने के साथ-साथ, दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स – चिनाब रेल ब्रिज और अंजी ब्रिज – को देखने का सौभाग्य मिला, जो निश्चित रूप से इस क्षेत्र के भविष्य को आकार देने वाले हैं।

    🚆 चिनाब रेल ब्रिज: इंजीनियरिंग का चमत्कार

    चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज है, जिसे चिनाब नदी पर उधमपुर-स्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है।

    • यह ब्रिज 359 मीटर ऊंचा है – यानी एफिल टावर से भी ऊंचा।
    • 1,315 मीटर लंबा यह पुल भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रतीक है।
    • इसे बनाने में लगभग 30,000 टन स्टील का उपयोग किया गया है।
    • यह पुल न केवल कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का काम करेगा, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    🌉 अंजी ब्रिज: भारत का पहला केबल-स्पैन रेलवे ब्रिज

    अंजी खड्ड पर बना अंजी ब्रिज देश का पहला केबल-स्टे रेल ब्रिज है।

    • इसकी कुल लंबाई लगभग 473.25 मीटर है।
    • यह पुल भी USBRL परियोजना का हिस्सा है और कटरा से रियासी को जोड़ता है।
    • इसे विशेष तकनीक से बनाया गया है ताकि यह भूकंप और तेज हवाओं का सामना कर सके।
    • पुल के निर्माण में भारतीय इंजीनियरों की दक्षता और साहस झलकता है।

    विकास और एकता का प्रतीक

    ये दोनों पुल न केवल रेलवे नेटवर्क को मजबूत करते हैं, बल्कि जम्मू-कश्मीर को भारत की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक प्रतीकात्मक और वास्तविक पुल बनते हैं। इससे क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने में ये परियोजनाएं मील का पत्थर साबित हो रही हैं। आने वाले समय में यह यात्रा न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण बनेगी, बल्कि देश की प्रगति की कहानी भी सुनाएगी।

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