अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नई प्रोक्लेमेशन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
प्रतिबंधित देशों की सूची और कारण
इस प्रतिबंध में शामिल 12 देशों की पहचान सुरक्षा कारणों से की गई है, जिनमें मुख्य रूप से ऐसे देश शामिल हैं जहाँ से आतंकवादी गतिविधियों या अवैध प्रवासन के खतरे अधिक माने जाते हैं। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह कदम देश की सीमाओं को मजबूत करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
प्रतिबंध के प्रभाव
- इन देशों के नागरिक अब अमेरिका में प्रवेश के लिए वीजा आवेदन नहीं कर सकेंगे।
- पहले से जारी वीजा और आव्रजन पर भी समीक्षा की जाएगी, और आवश्यकतानुसार उन्हें रद्द किया जा सकता है।
- यह प्रतिबंध अमेरिका के आव्रजन नीति में एक कड़ा मोड़ है, जिसका उद्देश्य देश में सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाना है।
प्रतिक्रिया और आलोचना
इस फैसले का समर्थन करते हुए कई अमेरिकी अधिकारियों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है, जबकि कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने इसे विवादास्पद और भेदभावपूर्ण करार दिया है। उन्होंने इस प्रतिबंध को प्रवासियों और शरणार्थियों के अधिकारों के खिलाफ बताया है।
आगे की संभावनाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के प्रतिबंधों से अमेरिका की विदेश नीति और वैश्विक छवि पर प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, प्रभावित देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों में भी तनाव बढ़ सकता है।
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