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    पूर्वोत्तर भारत में मूसलधार बारिश का अलर्ट जारी, दिल्ली-राजस्थान में बदलेगा मौसम का मिजाज; जानिए अब तक कहां तक पहुंचा मानसून

    नई दिल्ली, जून 2025 — देश में इस समय मानसून की रफ्तार ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अगले 3–4 दिनों में पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम भारत यानी दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में भी मौसम में बदलाव आने के संकेत मिल रहे हैं।


    पूर्वोत्तर भारत: मूसलधार बारिश का दौर जारी रहेगा

    IMD के मुताबिक, अगले कुछ दिनों तक अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में मॉनसूनी गतिविधियां तेज़ बनी रहेंगी।
    इन राज्यों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की भी चेतावनी जारी की गई है।
    विभाग ने ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करते हुए स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने को कहा है, खासकर निचले इलाकों में जहां जलभराव और भूस्खलन की आशंका बनी रहती है।


    🌧️ दिल्ली और राजस्थान: गर्मी से राहत की उम्मीद

    राजधानी दिल्ली में कई दिनों से उमस भरी गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा था। अब मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि इस सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट आने और प्रदूषण के स्तर में भी कुछ राहत मिलने की संभावना है।
    राजस्थान के जयपुर, कोटा, अजमेर, और उदयपुर सहित कुछ जिलों में भी बादल छाने और बूंदाबांदी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ और मानसून की ट्रफ लाइन के प्रभाव से यह बदलाव देखा जा रहा है।


    🌿 मानसून की स्थिति: अब तक कहां पहुंचा?

    इस साल मानसून ने 30 मई को केरल तट से दस्तक दी थी, जो सामान्य से एक दिन पहले था। अब तक यह मानसून:

    • महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड तक सक्रिय हो चुका है।
    • बंगाल, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश शुरू हो चुकी है।
    • अगले सप्ताह तक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना जताई गई है।

    🌾 किसानों के लिए राहतभरी खबर

    मानसून की समय पर और सक्रिय शुरुआत से खरीफ फसलों की बुआई में तेजी आ रही है। धान, मक्का, सोयाबीन जैसी फसलों के लिए यह समय बेहद अहम होता है।
    कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश की यही स्थिति बनी रही, तो खेती के लिए यह सीजन लाभदायक सिद्ध हो सकता है।


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