सुकमा (छत्तीसगढ़), 2 जून 2025 – नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में सोमवार को एक बड़ी सफलता सामने आई है। लंबे समय से सक्रिय 16 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इनमें से 6 नक्सलियों पर राज्य सरकार द्वारा ₹25 लाख तक का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण सुकमा जिला पुलिस और सुरक्षाबलों की सतत रणनीति और पुनर्वास नीति का प्रतिफल माना जा रहा है।
कौन हैं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली?
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कई वर्षों से दक्षिण बस्तर क्षेत्र में सक्रिय थे और उन पर कई माओवादी हमलों, आईईडी विस्फोटों, पुलिस पर फायरिंग और लूटपाट जैसी घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं, जो पहले नक्सलियों की जनमिलिशिया, LOS (लोकल ऑपरेटिंग स्क्वाड) और क्षेत्रीय कमांड इकाइयों में कार्यरत थीं।
इनामी नक्सलियों की जानकारी:
आत्मसमर्पण करने वाले छह इनामी नक्सलियों में से प्रत्येक पर ₹5 लाख से लेकर ₹25 लाख तक का इनाम था। ये सभी छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों की सूची में वांछित थे। इनमें एक नक्सली DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर) रैंक का बताया जा रहा है।
आत्मसमर्पण :
यह आत्मसमर्पण सुकमा जिला मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और CRPF के समक्ष हुआ। अधिकारियों ने इन सभी को पुष्पगुच्छ और गांधी टोपी पहनाकर मुख्यधारा में स्वागत किया और पुनर्वास नीति के तहत सहायता देने की घोषणा की।
पुलिस और प्रशासन का बयान:
सुकमा एसपी ने कहा, “यह आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि अब नक्सलियों का मनोबल टूट रहा है। हमारी पुनर्वास नीति और लगातार चल रहे जनसंपर्क अभियान से नक्सलियों में भरोसा जगा है कि वे भी सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन इन सभी को सरकारी पुनर्वास नीति के अंतर्गत वित्तीय सहायता, आवास, शिक्षा, और रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगा।
पुनर्वास नीति क्या है?
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों को हथियार छोड़ने पर आर्थिक मदद, सुरक्षा, और जीवन पुनर्निर्माण के लिए सहयोग दिया जाता है। कई नक्सली अब इसी नीति के तहत खेती, स्वरोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में नई शुरुआत कर चुके हैं।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया:
ग्रामीण क्षेत्रों से मिली प्रतिक्रियाओं के अनुसार, लोग इस फैसले से खुश हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे क्षेत्र में शांति और विकास की रफ्तार तेज़ होगी।