पंजाब के फाजिल्का जिले की अबोहर तहसील के गांव कीलया वाली का 6 वर्षीय मासूम मोहब्बत इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतनी छोटी उम्र में इस बच्चे ने ऐसा सपना देखा है, जो पूरे भारत के लिए प्रेरणा बन सकता है। मोहब्बत ने अबोहर से अयोध्या तक की 1100 किलोमीटर लंबी दूरी दौड़कर तय करने का साहसिक लक्ष्य तय किया है।
नन्हे कदम, बड़ा सपना
मोहब्बत के पिता रिंकू और माता रितु देवी का कहना है कि उनका बेटा शुरू से ही अलग है। जब बच्चे अपनी उम्र में खिलौनों और खेलों में व्यस्त रहते हैं, मोहब्बत ने दौड़ने का जुनून दिखाया। अब यह जुनून इतना बड़ा हो चुका है कि उसने अबोहर से भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या तक दौड़ने का फैसला किया है। माता-पिता का कहना है कि यह उसके लिए केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि अपने सपने को सच करने का प्रयास है।
गांव का गौरव, देश की प्रेरणा
मोहब्बत के माता-पिता ने बताया कि उनका बेटा न केवल अपने गांव कीलया वाली, बल्कि पंजाब और पूरे भारत का नाम रोशन करना चाहता है। उन्होंने कहा, “मोहब्बत का सपना है कि वह देशभर में बच्चों और युवाओं को यह संदेश दे सके कि कुछ बड़ा करने के लिए उम्र और संसाधन बाधा नहीं हैं।”
अबोहर के बालाजी धाम से 14 नवंबर 2024 को शुरू होगी ऐतिहासिक यात्रा
रिंकू ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस प्रयास को साझा किया और सभी से मोहब्बत के हौसले को बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि लोग इस यात्रा को देखें, इसे महसूस करें और प्रेरित हों। यह केवल मोहब्बत का सपना नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति का सपना है, जो अपनी क्षमताओं पर भरोसा करता है।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मोहब्बत का जज्बा
सोशल मीडिया पर मोहब्बत की यह कहानी तेजी से वायरल हो रही है। हर तरफ से लोग उसकी सराहना कर रहे हैं। कई नामी हस्तियों और खिलाड़ियों ने भी मोहब्बत के साहसिक कदम को प्रेरणादायक बताया है। लोग उसकी इस यात्रा को एक मिशाल बताते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं।
गांव के लिए गर्व का पल
मोहब्बत के गांव कीलया वाली के लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब उनके गांव का कोई बच्चा इस तरह के साहसिक प्रयास के लिए आगे आया है। गांव के सरपंच ने कहा, “हमारे गांव का नाम पूरे देश में रोशन होने जा रहा है। मोहब्बत की इस यात्रा से गांव के अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी।”
सपने को पूरा करने की तैयारी
मोहब्बत ने अपनी यात्रा की तैयारी के लिए नियमित रूप से दौड़ना शुरू कर दिया है। उसके खान-पान और शारीरिक फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। रिंकू ने कहा, “मोहब्बत ने इस दौड़ के लिए कड़ी मेहनत की है। यह केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि उसके जीवन का सबसे बड़ा सपना है। हम हर हाल में उसे इस सपने को पूरा करने में सहयोग देंगे।”
देशवासियों से अपील
रिंकू और रितु देवी ने देशवासियों से अपील की है कि वे मोहब्बत के इस साहसिक कदम को प्रोत्साहन दें। उन्होंने कहा, “यह केवल मोहब्बत की यात्रा नहीं है, बल्कि हर उस बच्चे की यात्रा है, जो बड़े सपने देखता है। हम चाहते हैं कि लोग इस कहानी को अधिक से अधिक साझा करें और मोहब्बत का हौसला बढ़ाएं।”
14 नवंबर को होगा ऐतिहासिक आरंभ
मोहब्बत अपनी यात्रा का शुभारंभ 14 नवंबर 2024 को अबोहर के बालाजी धाम से करेगा। इस मौके पर गांव और आसपास के क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में उसे विदाई देने के लिए जुटेंगे। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि उस विश्वास का प्रतीक होगी, जो छोटे कदमों से बड़े सपनों की ओर बढ़ता है।
एक नई प्रेरणा की शुरुआत
मोहब्बत की यह कहानी बताती है कि जज्बा और मेहनत के सामने उम्र और सीमाएं छोटी पड़ जाती हैं। पूरे देश की निगाहें अब इस नन्हे धावक पर टिकी हैं, जो अपने सपने को साकार करने के लिए इतिहास रचने को तैयार है।